THE GREATEST GUIDE TO SIDH KUNJIKA

The Greatest Guide To sidh kunjika

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Individuals who browse Devi Mahatmya without having this prayer of Kunjika will not likely get to the forest of perfection as they'll weep on your own without any just one to protect or secure them.  

न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

क्लींकारी काल-रूपिण्यै, बीजरूपे नमोऽस्तु ते।।

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सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।

मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.

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